रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में विपक्ष के व्यवहार को आखिर 'शर्मनाक' क्यूं कहां


नई दिल्ली: सरकार ने रविवार को सदन में विपक्ष के जबरदस्त हंगामे के बाद अपने शीर्ष छह मंत्रियों को आगे कर दिया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्यसभा के उपसभापति के प्रति सदस्यों के व्यवहार न सिर्फ 'खराब' थे बल्कि 'शर्मनाक' भी थे। उन्होंने यह भी कहा कि जहां तक हरिवंश सिंह के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का सवाल है, यह राज्यसभा के सभापित वेंकैया नायडू का विशेषाधिकार है।


राज्यसभा में आज कृषि सुधार विधेयक को काला कानून बताते हुए विधेयक के दस्तावेजों को  फाड़े जाने पर राजनाथ सिंह ने बिना किसी का नाम लिए कहा, "जहां तक मैं जानता हूं, राज्यसभा और लोकसभा के इतिहास में ऐसा  कभी नहीं हुआ। राज्यसभा में होने वाली यह बहुत बड़ी घटना है। अफवाहों के आधार पर किसानों को गुमराह करने की कोशिश की गई है। जो हुआ वह सदन की गरिमा के खिलाफ था।"


राज्यसभा में रविवार को काफी हंगामा हुआ। टीएमसी के डेरेक ओ'ब्रायन सभापति के पास जाकर कृषि सुधार विधेयक को काला कानून बताते हुए विधेयक के दस्तावेजों को फाड़ दिया। उन्हें यह भी कहते सुना गया कि 'आप ऐसा नहीं कर सकते।' आप के सासंद संजय सिंह को भी वेल में देखा गया।


 


प्रेस कांफ्रेंस  कर के राजनाथ सिंह ने कहा कि वह खुद एक किसान हैं और न ही एमएसपी और न ही एपीएमसी समाप्त होने जा रहा है। प्रेस कांफ्रेंस में सिंह और नकवी के अलावा, प्रकाश जावड़कर, थावरचंद गहलोत, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी मौजूद थे।


वहीं केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष के व्यवहार को हिसक बताया। उन्होंने कहा कि सभापित के बार-बार कहने पर भी वे अपने सीट पर वापस नहीं गए।